मुंबई : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की युवा इकाई के पूर्व शहर अध्यक्ष मोहित कंबोज और तीन अन्य के खिलाफ एमआरए पुलिस स्टेशन में धोखाधड़ी के आरोप में एफआईआर दर्ज हुई है। बाद में यह केस मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) को ट्रांसफर कर दिया गया। वहीं इस मामले को मोहित कंबोज ने फर्जी बताते हुए एक बयान जारी किया है, उन्होंने कहा कि वह न तो डरेंगे न ही झुकेंगे।
मोहित कंबोज ने कहा कि IOB बैंक ने 27 मई 22 को मेरे खिलाफ मुंबई पुलिस से शिकायत की थी। यह शिकायत 1 जून 22 को वापस ले ली गई। यह शिकायत बैंक के कनिष्ठ अधिकारी ने किसी के दबाव में दी, उसने बड़े और अधिकृत अधिकारियों की स्वीकृति भी नहीं ली। यह शिकायत फर्जी थी इसलिए वापस ले ली गई।
'साजिश का मास्टरमाइंड कौन?'
मोहित कंबोज ने कहा कि सरकारी दिशा-निर्देश स्पष्ट है कि राज्य पुलिस राष्ट्रीयकृत बैंक की प्राथमिकी दर्ज नहीं कर सकती है। मुंबई पुलिस ने फर्जी प्राथमिकी किसके कहने पर दर्ज की? उन्होंने कहा, 'मेरे खिलाफ इस साजिश और मनगढ़ंत साजिश का मास्टरमाइंड कौन है?'
'बिना पक्ष लिए इतनी जल्दी FIR क्यों?'
शिकायत में तथ्य यह है कि बैंक की बकाया राशि स्पष्ट नहीं है! जब शिकायत मई 2022 में की गई तो आरोप सिर्फ 2015 तक के ही क्यों? 2015 से 2022 के बीच के तथ्यों का उल्लेख क्यों नहीं किया गया! शिकायत में अन्य पक्षों का पक्ष लिए बिना एफआईआर दर्ज करने की इतनी जल्दी क्यों की गई, किसके निर्देश पर एक पक्ष की शिकायत दर्ज की गई?
'छवि खराब करने वालों के खिलाफ लूंगा कानूनी एक्शन'
मोहित कंबोज ने कहा, 'मुझे सेशन कोर्ट से अंतरिम जमानत मिली है, मैं हाई कोर्ट में प्राथमिकी को रद्द कराने के लिए जाऊंगा और मुझे बदनाम करने और मेरी छवि खराब करने की पूरी कोशिश करने वाले लोगों और मुझे किसी भी तरह से मनगढ़ंत मामले में फंसाने की कोशिश करने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कदम उठाऊंगा।
'मुंबई पुलिस बनी कठपुतली'
बीजेपी नेता ने कहा कि नवाब मलिक से लेकर संजय राउत तक मेरी राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता और महा विकास अघाड़ी सरकार का पर्दाफाश करने के लिए, पुलिस कठपुतली की तरह काम कर रही है। बस राजनीतिक आकाओं को प्रभावित करने के लिए वे सभी कानून हाथ में लेकर मोहित कम्बोज से बदला लेने की पूरी कोशिश कर रहे हैं!
'8 महीने से मुझे मारने की कोशिश'
मोहित कंबोज ने कहा, 'पिछले 8 महीने से वे मुझ पर सड़क पर हमला करके, मॉब लिंचिंग का प्रयास करके, मुझे मारने की कोशिश कर रहे हैं, धमकियां दे रहे हैं और मुझे बदनाम करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं, लेकिन सभी मोर्चों पर हार गए! मेरी लड़ाई जारी रहेगी और अधिक आक्रामक तरीके से लड़ेगी!'
मुंबई पुलिस में क्या आरोप?
पुलिस के मुताबिक, एक राष्ट्रीयकृत बैंक के प्रबंधक ने पुलिस में शिकायत की थी कि कंबोज और एक कंपनी के दो अन्य निदेशकों ने 52 करोड़ रुपये का कर्ज लिया था, लेकिन जिस उद्देश्य से यह कर्ज लिया था, इसका इस्तेमाल उसके लिए नहीं किया गया। इस शिकायत के आधार पर एमआरए मार्ग पुलिस ने कुल 4 लोगों के नाम आरोपी के तौर पर लिखे हैं। एफआईआर में पहला नाम निशिध वेन्चर प्राइवेट लिमिटेड का है। इसके बाद एफआईआर में मोहित कंबोज, सिद्धांत बागला, जितेंद्र कपूर व कुछ अज्ञात व्यक्तियों/ बैंक अधिकारियों के नाम हैं। सभी पर आईपीसी के सेक्शन 420 (धोखाधड़ी) और 409 (आपराधिक विश्वासघात) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
इससे पहले, इस साल मार्च में बीएमसी ने सांताक्रूज में उस इमारत को नोटिस जारी किया था, जहां कंबोज रहते हैं और उसमें उनके फ्लैट हैं। बीएमसी ने यह पता लगाने के लिए नोटिस जारी किया था कि वहां कोई अवैध निर्माण तो नहीं किया गया। बाद में बीएमसी के एक दल ने भी इमारत का निरीक्षण किया था। तब कंबोज ने आरोप लगाया था कि उन्हें झूठे मामले में फंसाने की कोशिश की जा रही है।
कोर्ट ने मांगा जवाब
मोहित कंबोज को मुंबई सेशन कोर्ट से 7 जून तक गिरफ्तारी से अंतरिम राहत मिल गई है। साथ ही, कोर्ट ने अभियोजन पक्ष को अर्जी पर 7 जून तक जवाब दाखिल करने को कहा है। मोहित की ओर से मामले में वकील रिजवान मर्चेंट ने अग्रिम जमानत के लिए अर्जी दाखिल की। इस पर जज डी.एल. भागवत के समक्ष सुनवाई हुई। मोहित के वकील ने कोर्ट को बताया कि पूरा मामला राजनीतिक कारणों से गढ़ा गया है, क्योंकि उनके मुवक्किल ने सत्तारूढ़ महा विकास आघाडी सरकार की आलोचना की थी। साथ ही, उन्होंने आरबीआई के आदेश का हवाला देते हुए कहा कि यह मामला स्थानीय पुलिस स्टेशन में दर्ज नहीं किया जा सकता है।
मोहित कंबोज ने कहा कि IOB बैंक ने 27 मई 22 को मेरे खिलाफ मुंबई पुलिस से शिकायत की थी। यह शिकायत 1 जून 22 को वापस ले ली गई। यह शिकायत बैंक के कनिष्ठ अधिकारी ने किसी के दबाव में दी, उसने बड़े और अधिकृत अधिकारियों की स्वीकृति भी नहीं ली। यह शिकायत फर्जी थी इसलिए वापस ले ली गई।
'साजिश का मास्टरमाइंड कौन?'
मोहित कंबोज ने कहा कि सरकारी दिशा-निर्देश स्पष्ट है कि राज्य पुलिस राष्ट्रीयकृत बैंक की प्राथमिकी दर्ज नहीं कर सकती है। मुंबई पुलिस ने फर्जी प्राथमिकी किसके कहने पर दर्ज की? उन्होंने कहा, 'मेरे खिलाफ इस साजिश और मनगढ़ंत साजिश का मास्टरमाइंड कौन है?'
'बिना पक्ष लिए इतनी जल्दी FIR क्यों?'
शिकायत में तथ्य यह है कि बैंक की बकाया राशि स्पष्ट नहीं है! जब शिकायत मई 2022 में की गई तो आरोप सिर्फ 2015 तक के ही क्यों? 2015 से 2022 के बीच के तथ्यों का उल्लेख क्यों नहीं किया गया! शिकायत में अन्य पक्षों का पक्ष लिए बिना एफआईआर दर्ज करने की इतनी जल्दी क्यों की गई, किसके निर्देश पर एक पक्ष की शिकायत दर्ज की गई?
'छवि खराब करने वालों के खिलाफ लूंगा कानूनी एक्शन'
मोहित कंबोज ने कहा, 'मुझे सेशन कोर्ट से अंतरिम जमानत मिली है, मैं हाई कोर्ट में प्राथमिकी को रद्द कराने के लिए जाऊंगा और मुझे बदनाम करने और मेरी छवि खराब करने की पूरी कोशिश करने वाले लोगों और मुझे किसी भी तरह से मनगढ़ंत मामले में फंसाने की कोशिश करने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कदम उठाऊंगा।
'मुंबई पुलिस बनी कठपुतली'
बीजेपी नेता ने कहा कि नवाब मलिक से लेकर संजय राउत तक मेरी राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता और महा विकास अघाड़ी सरकार का पर्दाफाश करने के लिए, पुलिस कठपुतली की तरह काम कर रही है। बस राजनीतिक आकाओं को प्रभावित करने के लिए वे सभी कानून हाथ में लेकर मोहित कम्बोज से बदला लेने की पूरी कोशिश कर रहे हैं!
'8 महीने से मुझे मारने की कोशिश'
मोहित कंबोज ने कहा, 'पिछले 8 महीने से वे मुझ पर सड़क पर हमला करके, मॉब लिंचिंग का प्रयास करके, मुझे मारने की कोशिश कर रहे हैं, धमकियां दे रहे हैं और मुझे बदनाम करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं, लेकिन सभी मोर्चों पर हार गए! मेरी लड़ाई जारी रहेगी और अधिक आक्रामक तरीके से लड़ेगी!'
मुंबई पुलिस में क्या आरोप?
पुलिस के मुताबिक, एक राष्ट्रीयकृत बैंक के प्रबंधक ने पुलिस में शिकायत की थी कि कंबोज और एक कंपनी के दो अन्य निदेशकों ने 52 करोड़ रुपये का कर्ज लिया था, लेकिन जिस उद्देश्य से यह कर्ज लिया था, इसका इस्तेमाल उसके लिए नहीं किया गया। इस शिकायत के आधार पर एमआरए मार्ग पुलिस ने कुल 4 लोगों के नाम आरोपी के तौर पर लिखे हैं। एफआईआर में पहला नाम निशिध वेन्चर प्राइवेट लिमिटेड का है। इसके बाद एफआईआर में मोहित कंबोज, सिद्धांत बागला, जितेंद्र कपूर व कुछ अज्ञात व्यक्तियों/ बैंक अधिकारियों के नाम हैं। सभी पर आईपीसी के सेक्शन 420 (धोखाधड़ी) और 409 (आपराधिक विश्वासघात) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
इससे पहले, इस साल मार्च में बीएमसी ने सांताक्रूज में उस इमारत को नोटिस जारी किया था, जहां कंबोज रहते हैं और उसमें उनके फ्लैट हैं। बीएमसी ने यह पता लगाने के लिए नोटिस जारी किया था कि वहां कोई अवैध निर्माण तो नहीं किया गया। बाद में बीएमसी के एक दल ने भी इमारत का निरीक्षण किया था। तब कंबोज ने आरोप लगाया था कि उन्हें झूठे मामले में फंसाने की कोशिश की जा रही है।
कोर्ट ने मांगा जवाब
मोहित कंबोज को मुंबई सेशन कोर्ट से 7 जून तक गिरफ्तारी से अंतरिम राहत मिल गई है। साथ ही, कोर्ट ने अभियोजन पक्ष को अर्जी पर 7 जून तक जवाब दाखिल करने को कहा है। मोहित की ओर से मामले में वकील रिजवान मर्चेंट ने अग्रिम जमानत के लिए अर्जी दाखिल की। इस पर जज डी.एल. भागवत के समक्ष सुनवाई हुई। मोहित के वकील ने कोर्ट को बताया कि पूरा मामला राजनीतिक कारणों से गढ़ा गया है, क्योंकि उनके मुवक्किल ने सत्तारूढ़ महा विकास आघाडी सरकार की आलोचना की थी। साथ ही, उन्होंने आरबीआई के आदेश का हवाला देते हुए कहा कि यह मामला स्थानीय पुलिस स्टेशन में दर्ज नहीं किया जा सकता है।